
वंदेभारतलाइवटीव न्युज-: प्राप्त हुई जानकारी अनुसार छत्तीसगढ राज्य में जमीन रजिस्ट्रेशन से जुड़े दस बड़े बदलाव होने जा रहें हैं। इस आशय की जानकारी सोमवार को जमीन पंजीयन विभाग के मंत्री ओपी चौधरी जी ने दी। मंत्री ओपी चौधरी जी ने अफसरों से कहा कि जरूरी मामलों में जैसे कि पंजीयन पारिवारिक दान , हक त्याग में पंजीयन शुल्क केवल 500रूपय ही लिए जाएं। छत्तीसगढ जमीन पंजीयन विभाग की दस नई सुविधाएं- 1•- आधार लिंक सुविधा, 2•- आनलाईन सर्च डाउनलोड की सुविधा, 3•- भार मुक्त प्रमाण पत्र, 4•- एकीकृत कैशलेस भुगतान करने की सुविधा, 5•- व्हाटसएप पर मैसेजस सर्विस सुविधा, 6•- डिजी लॉकर की सुविधा, 7•- ऑटो डीड जनरेशन सुविधा,8•- डिजी डॉक्युमेंट सुविधा, 9•- घर बैठे आनोलाईन रजिस्ट्रेशन की सुविधा, 10- सवतः नामांतरण की सुविधा ।। जमीन संबंधी दस्तावेजों मे आधार लिंक होने से बायोमेट्रिक के द्वारा पक्षकार की पहचान आधार डाटाबेस से की जा सकेगी। संपत्ति पंजीयन मामले मे अक्सर नकली लोंगों का शामिल होना एक समस्या है। ऐसे में वास्तविक भूमि स्वामी को सालों तक अदालतों के चक्कर लगाने पड़ते है आधार लिंक होने से इसमे भूमि स्वामी को लाभ होगा। भूमि खरीदने बेचने से पहले इसकी जांच पड़ताल आवश्यक होता है। रजिस्ट्री की जानकारी के लिए पंजीयन कार्यालय मे उपस्थित होकर स्वयं अथवा वकील के माध्यम से सर्च करना पड़ता है। अब यह प्रक्रिया आनलाईन किया गया है। संपत्ति खरीदने से पहले पक्षकार उसकी जांच पड़ताल स्वयं कर सकेंगे। निर्धारित शुल्क भुगतान कर खसरा नंबर से सभी रजिस्ट्री का पूरा विवरण देख सकते हैं और उसकी प्रतिलिपि भी डाउनलोड कर सकते है। रजिस्ट्री के लिए कार्यालय में भटकना नही पड़ेगा। पक्षकारों की सुविधा के लिए आनलाईन सर्च के साथ भार मुक्त प्रमाण पत्र आनलाईन जारी करने का प्रावधान भी किया गया है। अभी वर्तमान मे रजिस्ट्री कार्यालय मे पंजीयन शुल्क नगद भुगतान किया जाता है। इसे कैशलेस बनाया जा रहा है। स्टॉप पंजीयन शुल्क का भुगतान पक्षकार अपनी सुविधानुसार आनलाईन भुगतान कर सकेंगे। पंजीयन की जानकारि पक्षकारों को अब व्हाटसएप के माध्यम से भेजने का प्रावधान किया गया है। इससे रजिस्ट्री की स्थिति रजिस्ट्री होने की सही समय की जानकारी आसानी प्राप्त हो सकेगी। वर्तमान मे शासन और निजी क्षेत्र की सेवाओं के लिए रजिस्ट्री कागजातों की आवश्यकता होती है। इसके लिए कार्यालय के चक्कर लगाने होते हैं। डिजी लॉकर के माध्यम से इसका एक्सेस और नकल प्राप्त करने मे आसानी होगी। वर्तमान मे पक्षकार को दस्तावेज बनाने, स्टॉप खरीदने, पंजीयन के लिए अलग अलग लोगों जैसे रीडर, राइटर, स्टॉप वेंडर के चक्कर लगाने होते हैं। अब इसे जनता की सुविधा के लिए रजिस्ट्री को पेपर लेस किया जा रहा है।दस्तावेज पेपरलेस होकर उप पंजीयक को आनलाईन पेश होगा। रजिस्ट्री करने के बाद दस्तावेज स्वयं ही आनलाईन प्राप्त हो जायेगा। ऐसे कई दस्तावेज होते हैं जिसमे स्टॉप लगाना आवश्यक होता है पर पंजीयन नही होता है जैसे शपथ-पत्र अनुबंध पत्र आदि। भाषा की जटिलता के कारण कई बार लोगों को स्वयं ऐसे दस्तावेज तैयार करने मे परेशानी होती है। इसके लिए डिजी लॉकर सेवा तैयार किया गया है। इस सेवा से जनता को दैनिक जीवन मे उपयोग आने वाले दस्तावेज तैयार कर सकेगें। डिजी लॉकर से डिजिटल स्टॉप के साथ दस्तावेज तैयार किया जा सकता है। आनलाईन विलेख निर्माण पंजीयन व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। घर बैठे पंजीयन कराए जाने की सुविधा और तत्काल अपॉइंटमेंट सहित पारिवारिक दान हक त्याग आदि पंजीयन शुल्क केवल 500रूपय लिए जाने का प्रावधान है। अचल संपत्ति दस्तावेजों के पंजीयन के बाद उसे राजस्व विभाग विभाग के रिकॉर्ड मे भी दर्ज कराना होता है। इसमे नामांतरण की कार्यवाही मे अभी वर्तमान मे एक से दो महिनों तक समय लगता है । जनता की सुविधा के लिए पंजीयन के साथ ही नामांतरण के संबंध मे राजस्व विभाग के साथ इंटीग्रेशन किया गया है। पंजीयन विभाग राजस्व विभाग तथा एनआईसी की टीम की ओर से इसे तैयार किया गया है। इससे पक्षकारों को बिचौलियों से मुक्ति और नामांतरण की लम्बी प्रक्रिया से भी समय बचेगा।